
भारत में ऐसा कोई शहर नहीं जहा दिल को लुभाने वाली कोई जगह ना हो लेकिन अगर हम प्राकृतिक खूबसूरती की बात करे तो तो केरला पर प्रकृति पूरी तरह से मेहरबान हैं। यहां आकर पर्यटक एक साथ कई स्थानों पर सैर करके दुनिया के सबसे सुंदर प्राकृतिक नजारों को देख सकते हैं। जी हाँ केरल में आपको रेतीले तटों की सैर, बैकवॉटर्स, हिल स्टेशन, अनगिनत धार्मिक स्थल देखने को मिलते है।टूरिस्टों के लिए उनकी हर तरह की सुख सुविधाएं यहां पर मौजूद हैं।
माट्टुपेट्टी : रोज गार्डन, हरीभरी घास के मैदान, बड़ी-बड़ी गाएं यहां की खासीयत हैं। मरयूर, चिन्नार वन्यजीव अभयारण्य, देवीकुलम चिलिरपुरम, चीत्वारा, मीनूली, आनमुड़ी राजमला यहां के ही इलाके हैं जोकि टूरिस्टों के घूमने के लिए बहुत अच्छे हैं।
श्री चित्रा आर्ट गैलरी : चीन, जापान, तिब्बत, बाली से इक्ट्ठी की गई पेंटिंग्स भी यहां देखने को मिलती हैं। यहां पर रवि वर्मा, रियोरिक पेंटिंग्स के अलावा राजपूत, मुगल, तंजावूर स्कूल की पेंटिंग्स का अच्छा संकलन है।
कोवलम : यह कोवलम बीच, द लाइटहाउस बीच और हवाह बीच के लिए बहुत मशहूर हैं। लोग यहां पर सन बाथ, स्विमिंग, क्रूजिंग और केरला की मशहूर आयुर्वेदिक बॉड़ी मसाज का लुत्फ उठाते हैं। यहां पर सन सैट का अनोखा नजारा देखने के लिए लोगों का हजूम लगा रहता हैं।
मुन्नार : मुन्नार एक हिल स्टेशन है। दूर-दूर तक फैले चाय के बागान, नीलकुरुंजी, प्रपात और बांध यहां की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं। ट्रैकिंग एवं माउंटेन बाइकिंग के लिए भी यह जगह बहुत मशहूर हैं।
एराविकुलम नेशनल पार्क : मुन्नार से कुछ दूरी पर इरविकुलम नैशनल पार्क है। नीलगिरि टार को निकट से देख सकते हैं। चीता, सांभर, बार्किंग डियर, मलबार खरगोश जैसे कई तरह के जंगली जीव भी यहां देखे जा सकते हैं। 12 वर्षों में एक बार खिलने वाला नीलकुरुंजी नामक पौधा यहां की खासीयत है। यह स्थानीय पौधा जब पहाड़ों की ढलान पर पनपता है तो पहाड़ नीली चादर में लिपटा दिखाई देता है।
नेय्यार डैम: यहां का मगरमच्छ फार्म और लायन सफारी पार्क है।
अलप्पुझा: अलप्पुझा बीच पर्यटकों की पसंदीदा जगहों में से एक है।यह बोट रेस बैकवाटर टूरिज्म, कौपर बिजनेस, समुद्री उत्पाद के लिए भी यह शहर मशहूर है। यहां समुद्र के बीच पोनघाट लगभग 137 साल पुराना है।यहां पास ही एक पुराना लाइट हाउस भी है।
पातिरामनल: यह छोटा सा खूबसूरत आयलैंड है। यह ‘सैंड औफ मिडनाइट’ के नाम से भी जाना जाता है। यहां आप दुर्लभ पक्षियों को भी देख सकते हैं।
कुट्टनाड: जहां पर समुद्रतल से भी नीचे खेती की जाती है। इसे केरल का ‘राइस बाउल’ भी कहते हैं। यहां की खास फसल धान है।
थेक्कड़ी: थेक्कड़ी यहां का सब से खास पर्यटन स्थल है। यहां तरह-तरह के वन्यजीव देखे जा सकते हैं। इस झील में बोट में सैर कर के जंगली जीवो को करीब से देखने का मौका मिलता है। झील के आस-पास हाथियों के टहलने का अनोखा नजारा यहां पर देखने को मिलता है।
मुरीकड़ी: यह थेक्कड़ी के पास ही स्थित है।यहां इलायची, कौफी, कालीमिर्च के बहुत सुन्दर बाग हैं।
कुट्टिकानम: कुट्टिकानम हिल स्टेशन का ठंडा और खूबसूरत मौसम पर्यटकों को भी यहां बार-बार आने के लिए मजबूर करता है।
कोच्चि: यह इस राज्य की व्यापारिक राजधानी है। कोच्चि दुनियां की सबसे पुरानी बंदरगाहों में एक है। यह ‘अरब सागर की रानी’ के नाम से भी प्रसिद्ध है। पैलेस, किले, झील, पारंपरिक नृत्य, ऐतिहासिक स्मारक, ऊंची इमारतें कोच्चि की खासीयत हैं।